“सुखद खबर”वैक्सीन बना स्वास्थ्य का सुरक्षा कवच…100 करोड़ के पार हुआ वैक्सीनेशन

स्टेड डेस्क- भारत आजादी की 75 वी वर्षगांठ पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि और आत्मविश्वास के साथ देश स्वास्थ्य की दिशा में अग्रसर है। महज 8 महीनों में 100 करोड़ से अधिक टीके लगाकर स्वास्थ्य कर्मियों,शासन, प्रशासन,आशाकार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों ने प्रधानमंत्री के निर्णय को सच साबित कर दिखाया है।

इसी वर्ष 16 जनवरी को वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की गई, शंका आशंकाओं के माहौल में फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता दी गई। 85 दिनों में टीकाकरण का आंकड़ा 10 करोड़ तो इसके अगले 45 दिनों में यह आंकड़ा 20 करोड़ के पार हो गया। टीकाकरण की गति निरंतर बढ़ती गई और 13 सितंबर को 75 करोड़ डोज का आंकड़ा पार कर देश के गौरव को बढ़ाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 71वे जन्म दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य कर्मियों ने ढाई करोड़ से अधिक लोगों को टीका लगाकर देश के लाखों स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रधानमंत्री को अनमोल तोहफा दे दिया।

कोविड महामारी से जीवन को बचाना सर्वोच्च प्राथमिकता बनी , तो तीसरी लहर आने के पहले ही भरकस प्रयास शुरू हो चुके थे, चीन और अमेरिका के बाद भारत विश्व में तीसरा देश बना। 135 करोड़ की आबादी वाले भारत देश में स्वदेशी टीके का सफर आसान न था, युद्ध स्तर पर काम किए गए एयरफोर्स नौसेना की मदद से ऑक्सीजन सप्लाई की गई, तो वहीं ऑक्सीजन रेल चला कर ऑक्सीजन की कमी को दूर किया गया। लिक्विड ऑक्सीजन के उत्पादन को लगभग 15 गुना बढ़ाया गया।

आजादी के बाद का इतिहास देखा जाए तो वैक्सीन प्राप्त करने में समय लगता था, लेकिन प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत की सोच ने इस महामारी से लड़ने के लिए महज साल भर में दो स्वदेशी वैक्सीन लांच कर दिए। समय-समय पर देश में लॉक डाउन लगाए गए ताकि देश की जनता निरोगी और स्वस्थ रह सके। लेकिन इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा। अर्थव्यवस्था और जीडीपी को बाद में भी उभारा जा सकता है!

जान है तो जहान है, इस मूल मंत्र के साथ कार्य योजना बनाकर देश की जनता को निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराई गई। इधर 12 देशों को वैक्सीन सप्लाई कर आत्म निर्भर भारत के स्वप्न को पूरा करने ठोस कदम उठाए। भारत में देश के स्वास्थ्य कर्मियों, चिकित्सकों, आशा कार्यकर्ताओं, शिक्षक, सेना, सामाजिक संगठनों के बुलंद हौसलों ने टीकाकरण के 100 करोड़ से ऊपर डोज लगाकर एक इतिहास रच दिया है।

इस महत्वपूर्ण योजना में छिंदवाड़ा कैसे पीछे रहता स्वास्थ्य कर्मी, चिकित्सक, शिक्षक, आशा कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन के अथक प्रयासों से जिले में अब तक 4 लाख 33 हजार 195 टीके लगाकर, जान है तो जहान है, इस मूलमंत्र को सच करने में अपना योगदान दिया।

संजय औरंगाबादकर, स्थानीय संपादक “नव चाणक्य केसरी”

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