स्टेट डेस्क /छिन्दवाड़ा- समाचार और सूचना दोनों में काफी अंतर है और इसे समझने की जरूरत सिर्फ पत्रकारों को ही नहीं बल्कि आम जनता को भी है। सोशल मीडिया का यूजर सूचना दे सकता है लेकिन समाचार नहीं दे सकता इसलिए अगर कोई भी सूचना सोशल मीडिया में चलती है तो उसे समाचार समझना सबसे बड़ी गलती है
सूचना को समाचार एक बेहतर पत्रकार ही बना सकता है यह बात भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर डॉक्टर संजय द्विवेदी ने छिन्दवाड़ा प्रेस एसोसिएशन के कार्यक्रम पत्रकारों से परिचर्चा के दौरान कहीं। प्रोफेसर डॉक्टर संजय द्विवेदी छिंदवाड़ा के इंदिरा प्रियदर्शिनी महाविद्यालय में पत्रकारों से डिजिटल युग में हिंदी पत्रकारिता का भविष्य विषय पर चर्चा कर रहे थे।
सोशल मीडिया सूचना का संचार करता है उसे समाचार पत्रकार बनाता है।
देश विदेश में मीडिया गुरु के नाम से विख्यात एशिया के सबसे बड़े मीडिया अध्य्यन केंद्र माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भोपाल के पूर्व कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर संजय द्विवेदी ने कहा कि अब हम डिजिटल युग में जी रहे हैं इसमें सोशल मीडिया सबसे प्रभावशाली होता जा रहा है और उसके यूजर भी लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन उसका उपयोग पत्रकारिता के क्षेत्र में उतना विश्वसनीय नहीं है उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि जिस तरह से पुलिस के लिए एक मुखबिर काम करता है ठीक उसी तरीके से सोशल मीडिया मैं अगर कोई भी उपयोग करता कोई सूचना डालता है तो जरूरी नहीं है कि वह समाचार हो क्योंकि वायरल युग मे सूचनाओं का इतनी तेजी से विस्तार हो रहा है कि कोई एक व्यक्ति एक सूचना डालता है और लोगों से लगातार फॉरवर्ड करते हैं जबकि अगर ऐसी ही कोई सूचना किसी पत्रकार को लगती है और पत्रकार उसे खबर का स्वरूप देते हैं तो वह उसकी पूरी जांच पड़ताल करते हैं और फिर उसे अपने मीडिया संस्थानों में प्रकाशित या प्रसारित करते हैं तब जाकर वह समाचार बनता है इसलिए सूचना और समाचार में अंतर समझना बेहद जरूरी है खास तौर पर आज की युवा पीढ़ी के वह पत्रकार जो सोशल मीडिया को खबरों का जरिया बनाते हैं उन्हें इस और ध्यान देना बहुत जरूरी है। मुखबिर पुलिस के लिए सूचना दे सकता है लेकिन कार्यवाही करने का अधिकार पुलिस के पास होता है इसी तरह सोशल मीडिया में कोई भी व्यक्ति सूचना प्रसारित कर सकता है लेकिन उसे पर काम करके खबर बनाना एक पत्रकार का अधिकार है।
डिजिटल मीडिया में खबरों का प्रभाव बढ़ा पत्रकारों को मिल रहे अवसर….
पत्रकारों से चर्चा के दौरान प्रोफेसर डॉक्टर संजय दुबे जी ने कहा कि डिजिटल पत्रकारिता के योग में खबरें तेजी से फैलती है इसका फायदा नवोदित पत्रकारों को मिल भी रहा है क्योंकि रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं अगर डिजिटल मीडिया में पत्रकारिता करना हो तो आसानी से किया जा सकता है लेकिन उसकी भाषा और विश्वसनीयता को विशेष ध्यान में रखने की जरूरत होती है।
वरिष्ठ पत्रकारों का किया गया सम्मान जिले भर से पहुंचे पत्रकार….
छिंदवाड़ा प्रेस एसोसिएशन ने मीडिया गुरु प्रोफेसर डॉक्टर संजय द्विवेदी के हाथों से छिंदवाड़ा के वरिष्ठ पत्रकारों सम्मान भी कराया जिसमें यूएनआई के गुणेंद्र दुबे वरिष्ठ पत्रकार कैलाश पाटनी वनराज जाडेजा,गोविंद चौरसिया, केशव प्रसाद साहू, नरेंद्र साहू, नवनीत व्यास, ग्लोबल नेटवर्क के अशोक चौकसे, पत्रिका अख़बार के मंतोष सिंह, न्यूज़ 24 के शरद पाठक वरिष्ठ साहित्यकार अवधेश तिवारी और ओमप्रकाश सोनवंशी को सम्मानित कराया गया। परिचर्चा में छिंदवाड़ा जिले के सभी विकासखंडों से वरिष्ठ और युवा पत्रकारों ने सहभागिता की।
आंकड़ो के साथ बताया मीडिया का महत्व।
प्रो डॉ संजय द्विवेदी ने तथ्यात्मक आंकड़ो के साथ साथ बताया कि
भारतीय उद्योग परिसंघ और Boston Consulting Group की एक संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन मीडिया और एंटरटेनमेंट इंड्रस्टी का कारोबार वर्ष 2025 में 32 से 38 अरब डॉलर के बीच होने का अनुमान है। साथ ही उम्मीद जताई गई है कि वर्ष 2030 तक ये बढ़कर 55 से 65 अरब डॉलर का हो जाएगा। ओटीटी और गेमिंग प्लेटफॉर्म के बढ़ते चलन के साथ इसके 65 से 70 अरब डॉलर तक पहुंचने की भी संभावना है।
2. ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म PWC ने अपनी रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है कि इंडियन मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री वर्ष 2026 तक 4.30 लाख करोड़ रुपये की हो जाएगी। इसी रिपोर्ट के अनुसार टीवी एडवरटाइजमेंट इंडस्ट्री वर्ष 2026 तक 43,000 करोड़ रुपये की हो जाएगी। यह अमेरिका, जापान, चीन और ब्रिटेन के बाद भारत को विश्व का पांचवां सबसे बड़ा टीवी एडवरटाइजमेंट बाजार बना देगी।
3. भारत के ओटीटी वीडियो सर्विस सेक्टर में अगले चार वर्षों के दौरान 21,031 करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद है। इसमें से 19,973 करोड़ रुपये का कारोबार सब्सक्रिप्शन आधारित सेवाओं का होगा।
4. भारत का इंटरनेट एडवरटाइजमेंट मार्केट भी वर्ष 2026 तक 28,234 करोड़ रुपये तक पहुंचने के लिए तैयार है। वहीं, म्यूजिक, रेडियो और पॉडकास्ट सेक्टर वर्ष 2026 तक 11,536 करोड़ रुपये का हो सकता है।
5. फिक्की की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 में भारत में मीडिया और मनोरंजन के बाज़ार में, जहां प्रिंट मीडिया का रेवेन्यू महज़ 9 फीसदी बढ़ा, वहीं डिजिटल मीडिया के मामले में यह आंकड़ा 67 फीसदी का था। इसी तरह जहां प्रिंट मीडिया की रीडरशिप 13 फीसदी तक बढ़ी, तो दूसरी तरफ डिजिटल सब्सक्रिप्शन में 71 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई।
6. वर्ष 2025 तक भारत में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों की तादाद लगभग 98 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। इसके अलावा वर्ष 2025 तक भारत में इंटरनेट डाटा की खपत आज के मुकाबले दस गुना ज्यादा बढ़ने की संभावना है।
7. दिसंबर 2023 तक भारत में लगभग 658 मिलियन यानी 60 करोड़ 58 लाख एक्टिव इंटरनेट यूजर थे।
8. इन यूजर्स में 40 करोड़ 67 लाख लोग सोशल मीडिया पर एक्टिव थे। इन लोगों में 81 प्रतिशत लोग व्हाट्सएप और 76 प्रतिशत लोग इंस्टाग्राम का इस्तेमाल कर रहे थे।
9. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के तौर पर भारत में लोग फेसबुक पर सबसे ज्यादा वक्त बिताते हैं। सोशल मीडिया का कुल 78 प्रतिशत ट्रैफिक फेसबुक पर जाता है। इंस्टाग्राम का 11 प्रतिशत और यूट्यूब का 3.2 प्रतिशत ट्रैफिक शेयर है।
10. एक दिन में फेसबुक पर 8 बिलियन यानी 800 करोड़ से ज्यादा वीडियो देखे जाते हैं।
11. एक दिन में सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा 3.2 बिलियन यानी 320 करोड़ से ज्यादा फोटोज को शेयर किया जाता है।
संजय औरंगाबादकर
9425148353