कलेक्टर पहुंचीं आदिवासी संग्रहालय… छिंदवाड़ा में विकसित हो रहा है आदिवासी संग्रहालय…


कलेक्टर ने देखा निर्माण कार्य…
आदिवासी वीरों के शौर्य का होगा संग्रह…

स्टेट डेस्क/छिंदवाड़ा: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में आदिवासी संस्कृति की एक बड़ी झलक दिखाई देती है। इस जिले के 4 ब्लॉक ऐसे हैं जो आदिवासी बाहुल्य हैं और यहां प्राचीन काल से चली आ रही आदिवासी कला संस्कृति की झलक दिखाई देती है। ऐसे में शासन के द्वारा लागू किए गए पीसा कानून के तहत आज से छिंदवाड़ा में ग्राम सभाएं शुरू की गई हैं, तो वही छिंदवाड़ा के ऐतिहासिक बादल भोई आदिवासी संग्रहालय को देखने आज छिंदवाड़ा कलेक्टर श्रीमती पटले पहुंची और उन्होंने इस संग्रहालय में स्थित आदिवासी कला संस्कृति को गौर से देखा और समझा।

आपको बता दें छिंदवाड़ा के ऐतिहासिक आदिवासी संग्रहालय का विस्तार हो रहा है, जिसका निर्माण कार्य लगभग पूर्ण होने पर है। यह संग्रहालय 30 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित किया जा रहा है, कलेक्टर ने यहां की प्रगति और निर्माण कार्य को भी देखा। इस संबंध में कलेक्टर ने कहा कि मध्य प्रदेश के आदिवासी कल्चर की अलग पहचान है और प्रसिद्धि भी है। उन्होंने कहा की विगत 15 तारीख को शासन द्वारा पीसा से संबंधित नियम जारी किए गए हैं। जिसके तहत आज से 4 आदिवासी ब्लॉकों में ग्राम सभाएं भी शुरू की गई है। उन्होंने छिंदवाड़ा के संग्रहालय के विस्तार के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 30 करोड़ का यह प्रोजेक्ट चल रहा है जोकि लगभग कंप्लीट होने पर है। इस संग्रहालय में आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के शौर्य को संग्रहित कर उन्हें सम्मान देने का काम किया जाएगा। उन्होंने और क्या कहा आपको सुनाते हैं…

गौरतलब हो कि छिंदवाड़ा का यह आदिवासी संग्रहालय काफी ऐतिहासिक है। इस संग्रहालय में आदिवासी कल्चर को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं और दूरदराज से भी सैलानी यहां आते हैं…

संजय औरंगाबादकर

स्थानीय संपादक

नव चाणक्य केसरी