आख़िर छिंदवाड़ा नगर निगम क्यों है मेहरबान..? सूत्र सेवा बस कलस्टर लगा रहा है निगम को चूना…!

स्टेट डेस्क – छिंदवाड़ा में शासन की बेशकीमती जमीन पर नगर निगम द्वारा सॉलि़ड वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन और सूत्र सेवा बस का स्टैंड बनाया गया है। जिसमें रात में सूत्र सेवा यात्री बसों का स्टॉप होता है, लेकिन इस स्टैंड में इन दिनों खुलकर अतिक्रमण किया जा रहा है और इसके माध्यम से निगम को बड़ी राशि का चूना भी लगाया जा रहा है। चिंता की बात यह है कि ये सारा कारनामा सूत्र सेवा बस के कलस्टर के द्वारा किया जा रहा है…?

निगम के यार्ड में पार्क शहडोल की प्रयाग बस

दरअसल नियमानुसार स्थल पर केवल सूत्र सेवा बस को खड़ा करने की अनुमति है। लेकिन कलस्टर द्वारा निजी और प्राइवेट यात्री बसों को भी इस जगह में खड़ा किया जा रहा है। इस संबंध में सूत्रों ने बताया कि शहडोल की बस प्रयाग और ओम साईं राम बस सहित अन्य बसें हर रात यहां पर हाल्ट की जाती है। सूत्रों के अनुसार सूत्र सेवा बस के क्लस्टर अमरीश शुक्ला को मध्य प्रदेश शासन के द्वारा अमृत योजना कि तहत 47 बसों का कलस्टर दिया गया है लेकिन केवल 26 बसों का संचालन हो रहा है। इसमें चिंता की बात यह है कि यह बसें शहरी क्षेत्र और ग्रामीण मार्गों पर संचालन होना चाहिए, लेकिन छिंदवाड़ा एवं सिवनी मार्ग पर बसों का धड़ल्ले से संचालन हो रहा है, जोकि खुले रूप से नियम एवं शर्तों का उल्लंघन है और इस माध्यम से कलस्टर द्वारा नगर निगम छिंदवाड़ा को चूना लगाया जा रहा है।

सेवा सूत्र बस के हाल्टिंग यार्ट में निजी बसों का अतिक्रमण

इधर निगम द्वारा करोड़ों की जमीन पर लाखों के सेट में कलस्टर अमरीश शुक्ला द्वारा खुद के स्वामित्व की यात्री बसें और सद्गुरु ट्रेवल्स की बसें एवं प्रयाग बस हर रात को यहां पार्क करके नगर निगम को लाखों का चूना लगाया जा रहा है। यही नहीं सूत्र सेवा बस को 7 साल के सफल संचालन पर मिलने वाली 40% सब्सिडी भी सांठगांठ के माध्यम से ले ली गई है। सूत्रों की माने तो इनके द्वारा लाखों रुपए का टैक्स बकाया करके बसों का संचालन किया जा रहा है। जिसका एक बड़ा उदाहरण बीते दिनों बालाघाट में देखने में आया, जहां बालाघाट आरटीओ द्वारा एमपी 28 पी 0723 बस पर कार्रवाई की गई, जो कि बिना परमिट के संचालित की जा रही थी।

यात्रियों की जान के साथ हो रहा खिलवाड़..
यहां एक बात तो साफ है कि इस तरह से बिना परमिट की बसों के संचालन से यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है। बिना परमिट की बसों का यदि कहीं हादसा हो जाता है तो यात्रियों को नियमानुसार मिलने वाली बीमा की सुविधा भी नहीं मिलेगी। ऐसे में इसका जिम्मेदार कौन होगा..? यह सवाल नगर निगम के अधिकारियों के सामने खड़ा हुआ है।

आखिर क्यों मेहरबान है निगम अधिकारी..?
मध्यप्रदेश शासन की महत्वपूर्ण अमृत योजना के तहत संचालित हो रही सूत्र सेवा बसों पर यात्री अंधा विश्वास करके यात्रा करते हैं। लेकिन अगर यही बसें नियम के खिलाफ संचालित हो तो, इसका जिम्मेदार सीधे रूप से निगम प्रबंधन होगा। इस बात की खबर मीडिया को भी है, तो निश्चित रूप से निगम अधिकारियों के संज्ञान में भी होगी। लेकिन इसके बावजूद भी अब तक निगम अधिकारियों ने कलस्टर पर कार्रवाई नहीं की। जिससे साफ होता है कि लापरवाह अधिकारियों की कार्यप्रणाली के चलते लाखों यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है और निगम अधिकारी गैर जिम्मेदाराना यात्री बसों के संचालकों पर मेहरबान है। और इस मेहरबानी की वजह क्या हो सकती है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है…?

कलस्टर की मनमानी से लग रहा निगम को चूना…
गौर करने वाली बात यह है कि अमृत योजना के तहत 49 बसों का कलस्टर अमरीश शुक्ला केवल 26 बसों का संचालन कर रहा है और यह संचालन भी नियम एवं शर्तों के विरुद्ध हो रहा है। इधर निगम द्वारा बनाए गए हाल्टिंग स्पेस पर सूत्र सेवा की बसों के अलावा निजी स्वामित्व की बसें जैसे सद्गुरू ट्रैवल्स और प्रयाग बसों का हाल्टिंग बनाए जाने से निगम को अब तक हजारों का चूना लगाया जा चुका है। सवाल यह भी है कि आखिर किसकी अनुमति से यह निजी बसें निगम के इस यार्ड में खड़ी की जा रही है..? अब देखना यह है कि नगर निगम के अधिकारी कलस्टर के द्वारा किए जा रहे गोलमाल पर संज्ञान लेकर, शासन हित में रिकवरी करके, यहां हो रहे अतिक्रमण को रोकता है, या फिर यूं ही मेहरबान रहता है..?

अगले अंक में क्या..?
हमारे द्वारा लगातार शासन को चूना लगाने वाले अधिकारियों और उनसे जुड़े अन्य भ्रष्टों के खिलाफ पोल खोल मुहिम चलाई जा रही है। जिसको लेकर हम अगले अंक में अमृत योजना और सूत्र सेवा बस के गैर कानूनी ढंग से संचालन की और भी परतें खोलेंगे। इसके साथ ही हम आपको बताएंगे कि अधिकारी इस सरकार की महत्वपूर्ण योजना को लेकर कितने गंभीर हैं…

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