स्टेट डेस्क/छिंदवाड़ा- आज भारतीय जनता पार्टी के संभागीय प्रभारी द्वारा छिंदवाड़ा के पार्षद प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी गई है और इस सूची में पार्षद प्रत्याशियों के चयन को लेकर की गई, कई बड़ी गलतियों के चलते अब विरोध का दौड़ शुरू हो गया है। यह काफी दिलचस्प और भी इसलिए हो जाता है कि भारतीय जनता पार्टी रीति नीति पर आधारित कार्यकर्ताओं की पार्टी कहलाती है, लेकिन इस चुनाव में कुछ ऐसे भी निर्णय पदाधिकारियों द्वारा ले लिए गए हैं जिससे अब पार्टी की रीति नीति पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं…?
फिलहाल हम बात कर रहे हैं छिंदवाड़ा नगर निगम के 48 वार्ड के लिए भाजपा द्वारा जारी पार्षद प्रत्याशियों की सूची की। जिसमें वार्ड नंबर 39 से अधिकृत पार्षद प्रत्याशी श्रीमती अनुभूति सिन्हा को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है और जैसे ही भाजपा की अधिकृत सूची जारी हुई, वैसे ही इस प्रत्याशी को लेकर राजनीतिक हलकों सहित क्षेत्र में चर्चा का दौर गर्म हो गया। वार्डवासी कहते हैं कि जो प्रत्याशी भाजपा ने हमारे सर पर थोपा है वह प्रत्याशी 12 साल बाद वार्ड में इसलिए सक्रिय हुईं क्योंकि निगम चुनाव हैं। नहीं तो उक्त प्रत्याशी 12 साल से क्षेत्र में निष्क्रिय भूमिका में रहीं है। दरअसल वार्ड वासियों का कहना है कि 5 साल मिलिंद खुटाटे का कार्यकाल रहा तब भी इनका पता नहीं था और इसके पश्चात 5 साल महेंद्र भाटी पार्षद रहे। तब भी इनका पता नहीं था।
क्षेत्रवासी कहते हैं कि 2 साल के कोरोना काल में भी उन्होंने वार्ड की गरीब जनता की सुध नहीं ली, तो अब ऐसे कैंडिडेट को पार्टी हमारे सर पर थोप रही है, यह कहां तक उचित है…? तो वहीं वार्ड में चर्चा यह भी है कि पार्टी के इस निर्णय से भाजपा नेता और पूर्व पार्षद मिलिंद खुटाटे खांसे नाराज़ हैं और उन्होंने वार्ड नंबर 39 से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी ताल ठोक दी है। राजनीतिक पंडितों की माने तो यह स्थिति एक वार्ड की नहीं है निगम क्षेत्र के अन्य वार्डों में भी नाराजगी बनी हुई है…
भाजपा द्वारा जारी पार्षदों की अधिकृत सूची को लेकर राजनीति विश्लेषकों का कहना है कि इस सूची के चलते अगले 24 घंटों में पार्टी से पलायन के बड़े मामले सामने आ सकते हैं। बहरहाल यह पार्टी के पदाधिकारियों और नेताओं के लिए चिंतन मनन का मामला है लेकिन इन सबके बीच एक बड़ा जत्था नाराजगी भरे लहजे में जबलपुर पहुंचा है, जो कहता है कि सूची में परिवर्तन नहीं किया गया तो पार्टी से इस्तीफा दे देंगे…
संजय औरंगाबादकर
स्थानीय संपादक
नव चाणक्य केसरी