स्टेड डेस्क/ सिवनी ब्यूरो- यूं तो आपने बहुत सुना होगा कि खाते में से पैसे चोरी हो जाते हैं… किंतु मध्यप्रदेश के सिवनी में खातों में से पैसे चोरी नहीं हुए, बल्कि पूरे खाते के खाते ही चोरी हो गए हैं…. सिवनी जिले की ग्रामपंचायत बखारी से चोरी हुए 25 मनरेगा मजदूरों के खाते….
जी हां दरअसल मुद्दा ये है कि मनरेगा के अंतर्गत मजदूरी करने वाले कुछ मजदूरों के खाते में उनकी मजदूरी के हिसाब से पैसे ही नही आए। जब मजदूरों से पूछा गया तो उन्होंने बताया की उनसे रोजगार सहायक ने बराबर मजदूरी कराया और जॉब कार्ड में हाजरी नही भरा। कुछ दिन बाद जब मजदूरों ने पैसे की मांग किया, तो रोजगार सहायक ने कहा कि मजदूरों के खाते किसी ने चोरी कर लिया है और ये पैसा उस खाते में जा रहे है…. वही कुछ मजदूर एसे भी मिले जिन्हें पता ही नही है की वो मनरेगा में मजदूरी कर रहे है…
इतना ही नहीं कुछ मजदूरों की शिकायत तो यह भी है कि उनकी हाजरी रोज़गार सहायक के करीबी रिश्तेदारों के खाते में अवैध रूप से चढ़ाई जा रही है। जिस से उनके खाते में पैसे ना आते हुए रोज़गार सहायक के रिश्तेदारों के खाते में जा रही है।
इसकी सूचना उन्होंने ग्रामपंचायत सचिव को भी की परंतु इसका कोई निष्कर्ष नही निकला। जहा काम करने वाले मजदूरों की मात्र 25 से 30 हाजरी भरी गई है वही रोज़गार सहायक और पंचायत के लेखापाल के रिश्तेदारों की हाजरी करीब करीब 200 से 250 रु भारी गई है।
जिस हिसाब से काम करने वाले मजदूरों की हाजरी काम होना और अधिकारियों के रिश्तेदारों की हाजरी तय सीमा से अधिक होना कही न कही इशारा करती है की गरीब मजदूरों के साथ शोषण हो रहा है।
सिवनी से सहयोगी राजकिशोर यादव की रिपोर्ट