मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के समक्ष भी यह बात उठाई गई थी तथा उनके समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया था कि डब्ल्यूसीएल लीज समाप्त कर कब्जेधारियों को पट्टा वितरित करें, परन्तु सरकार बदलने के बाद वर्तमान प्रदेश सरकार ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया और लीज वाली जमीन से लोगों को हटाने की कार्यवाही की जा रही है…
स्टेड डेस्क/छिंदवाड़ा- वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड पेंच क्षेत्र के लगभग 325 हेक्टेयर अनुपयोगी क्षेत्र में विगत 70-80 वर्षों से निवास कर रहे आमजनों को उनके घरों से बेदखल किए जाने की, जारी कार्यवाही को संज्ञान में लेते हुए जिले के सांसद नकुलनाथ ने उक्त भूमि पर निवासरत आमजनों को सरकार द्वारा पट्टा दिए जाने की बात कही है. वे इस मामले पर ख़ासे गंभीर है…

इस संबंध में संपूर्ण जानकारी देते हुए सांसद कार्यालय प्रेस समन्वय राजेन्द्र राही मिश्रा ने बताया कि सांसद नकुलनाथ ने जानकारी प्राप्त करने के उपरान्त वेकोलि महाप्रबंधक द्वारा एस.डी.एम राजस्व परासिया द्वारा की जा रही कार्यवाही पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि परासिया विधानसभा क्षेत्र का बहुत बड़ा भू क्षेत्र वेकोलि के अंतर्गत तो आता है, परन्तु यहां कुछ स्थानों पर ही कोयला खदान संचालित है, तथा कुछ भू-भाग ऐसे भी है जहां कोयला खदानें बंद हो चुकी हैं. वेकोलि महाप्रबंधक पेंच क्षेत्र परासिया द्वारा ऐसी अनुपयोगी जमीन पर निवासरत ग्रामीणों एवं नगरीय क्षेत्र के हजारों नागरिकों को इस भूमि से हटाने व बेदखल किए जाने का पत्र एस.डी.एम परासिया को लिखा गया है, जो पूर्णत अव्यावहारिक है.
नकुलनाथ है पट्टा वितरण के पक्षधार…
सांसद नकुलनाथ ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि विगत 100 वर्षों से अधिक समय से पेंच क्षेत्र में कोयला खदानें संचालित है और लगभग इतने ही वर्षों से इस भूमि पर रहकर हजारों आमजन अपनी रोजी-रोटी चलाते हुए अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं. गौरतलब बात तो यह है कि वेकोलि ने अपने पत्र में जिन खसरा नम्बरों का उल्लेख किया है, वहां पर न तो कोई कोल खदान संचालित है और न ही भविष्य में किसी खदान के खोले जाने की कोई योजना है. इन परिस्थितियों में अचानक लम्बे समय से निवास कर रहे नागरिकों को उनके निवास से बदखल किए जाने का नोटिस देना किसी पूर्ण नियोजित योजना का हिस्सा दिखाई देता है. जबकि विगत तीन वर्षों से इस क्षेत्र में निवासरत नागरिक राज्य सरकार से पट्टा दिए जाने की लगातार मांग कर रहे हैं. सांसद नकुलनाथ ने भी इस बात पर अपनी सहमति व्यक्त की है कि वेकोलि पेंच क्षेत्र की ऐसी अनुपयोगी भूमि जिस पर वर्षों से हजारों आम जन निवास कर रहे हैं ऐसी भूमि से वेकोलि की लीज समाप्त कर उसे राज्य सरकार को हस्तांतरित किया जाए ताकी राज्य सरकार इस भूमि को अपने कब्जे में लेकर निवासरत परिवारों को पट्टा दे सकें…
राज्य सरकार क्यों कर रही है भेदभाव- सोहनलाल
गौर हो कि उक्त सम्पूर्ण घटनाक्रम के संदर्भ में क्षेत्रीय विधायक सोहनलाल बाल्मिक ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व वेकोलि महाप्रबंधक को ज्ञापन भी प्रस्तुत किया है. प्रस्तुत ज्ञापन में श्री बाल्मिक ने मुख्यमंत्री को यह स्मरण कराया है कि उन्होंने स्वयं घोषणा की थी कि सभी अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाएगा तथा वर्षों से वनभूमि में निवासरत व्यक्तियों को उनका अधिकार देते हुए उन्हें पट्टा दिया जावेगा..? फिर राज्य सरकार का वेकोलि की भूमि पर निवासरत नागरिकों के साथ भेदभाव क्यों..?
BMS पर खड़े हो रहे सवाल…
यहां यह बात भी गौरतलब है कि जिले के सांसद नकुलनाथ इस प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए जनहित की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर अपने आपको मजदूरों का हितैषी कहने वाली भाजपा की अनुसांगिक संस्था बी.एम.एस इस बेदखली का समर्थन कर रही है…?
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