अखिल भारतीय नाटक एवं नृत्य प्रतियोगिता:- शिमला में छाए रहे छिन्दवाड़ा के कलाकार

स्टेट डेस्क/छिन्दवाड़ा-विगत दिवस शहर की प्रतिष्ठित नाट्य संस्था ओम् : मंच पर अस्तित्व ने देश के प्रतिष्ठित अखिल भारतीय शिमला ड्रामा महोत्सव में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। गत दिवस संपन्न हुए इस आयोजन में इस संस्था के नाटक ये कठपुतलियां नहीं को सत्रह नाटकों की प्रस्तुति में तीसरा स्थान मिला। यही नहीं इसके अलावा पांच और पुरस्कार इस टीम के कलाकारों ने बंटोरे। नाटक का पुनर्लेखन और निर्देशन युवा रंगकर्मी शिरिन आनंद दुबे ने किया है। ध्यान रहे ऑल इंडिया आर्टिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले यह संस्था का ६७वां आयोजन था। प्रसिद्ध थिएटर आर्टिस्ट और टीवी सिने कलाकार रोहिताश्व गौर व उनकी पत्नि रेखा गौर इस संस्था को संचालित करते हैं।

जिले की किसी नाट्य संस्था द्वारा राष्ट्रीय स्तर के कला समारोह में एक साथ छह अवार्ड मिलना उल्लेखनीय उपलब्धि है। समारोह में झारखंड, पंजाब, हिमाचल,यूपी, मुंबई, पटना आदि राज्यों की रंग संस्थाओं ने नाटकों की प्रस्तुतियां दी। संस्था से जुड़े वरिष्ठ और युवा कलाकारों ने अपने अभिनय क्षमता से वहां उपस्थित दर्शकों को खूब प्रभावित किया। नाट्य प्रस्तुतियां शिमला के विश्वविख्यात और विश्व धरोहर की श्रेणी में गिने जाने वाले गेयटी थियेटर में हुई। यहां प्रस्तुति देना भी शहर के कलाकारों के लिए एक अलग अनुभव रहा।

*स्त्री पर केंद्रित था नाटक ये नहीं कठपुतलियां*

युवा लेखक व निर्देशक शिरिन आनंद दुबे इस प्रतिष्ठित महोत्सव में ये नहीं कठपुतलियां नाटक लेकर पहुंचे थे। स्त्री विषय पर केंद्रित यह नाटक महिलाओं के परपीड़न, उनके हालातों को बारे में दर्शाता है। नाटक के कई बेहतरीन संवादों ने दर्शकों के मर्म को छुआ और इसे देखते समय उनकी आंखे नम भी हो उठी। महोत्सव की प्रस्तुति ही इस नाटक से हुई लेकिन इसका विषय, इसमें उठाए मुद्दे, कलाकारों का अभिनय और संवाद लोगों के जुंबा पर पूरे महोत्सव के दौरान छाए रहे। सभी ने इसकी सराहना की। जिले के वरिष्ठ और ख्यातिप्राप्त रंगकर्मी विजय आनंद दुबे के मार्गदर्शन और अनुभव से इस ग्रुप के नए कलाकारों ने अपना बेहतरीन अभिनय दिखाया। नाटक में वरिष्ठ रंगकर्मी विजय आनंद दुबे, नेहा बानियां, हर्षल राजपूत, तृप्ति विश्वकर्मा,नवीन जुम्हारे, दीक्षा बंसोड़, सौम्या बरहैया, बंश अंबालकर,पल्लवी महोबिया,नितेश विश्वकर्मा ने अभिनय किया। प्रकाश व्यवस्था व सेट निर्माण अतुल विश्वकर्मा ने किया, कला निर्देशन स्पंदन आनंद दुबे, वस्त्र विन्यास देवेश कोल्हेकर ने किया, नृत्य संरचना नेहा खनेजा मालवी की रही तथा मेकअप की बागडोर नेहा बानियां और सौम्या बरहैया ने संभाली।

*इस केटेगरी में नाटक को मिले पुरस्कार*
महोत्सव का समापन पुरस्कारों के साथ हुआ। ओम मंच पर अस्तित्व को सर्वश्रेष्ठ नाटकों की श्रेणी में तीसरा पुरस्कार मिला। इसके साथ निर्देशक शिरिन आनंद को अवार्ड फाॅर कंटीन्युअस सपोर्ट से नवाज़ा गया। नाटक में आशा का किरदार निभाने वाली युवा प्रतिभाशाली कलाकार नेहा बानियां को अपने भावनात्मक अभिनय के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड मिला। संस्था के दो नवोदित कलाकारों ने अवार्ड पाए। बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर में वंश अंबलाकर को दूसरा और सौम्या बरहैया को बेस्ट सपोर्टिग एक्ट्रेस का दूसरा पुरस्कार मिला। अभिनय का सांत्वना पुरस्कार भी संस्था की ही दीक्षा बंसोड़ को मिला।


*हम फाउंडेशन भारत के पदाधिकारियों ने किया स्वागत*
ओम मंच पर अस्तित्व के कलाकारों के छिंदवाड़ा आगमन पर हम फाउंडेशन भारत की जिला महिला सहभागिता प्रमुख श्रीमती अमिता बरहैया द्वारा फाउंडेशन की तरफ से सभी कलाकारों का पुष्पहार और पुष्प गुच्छ के द्वारा स्वागत सम्मान देवेश रूसिया, निधि रूसिया,आशीष बरहैया, हंसिका  ध्रुविका शंकर कहार के साथ मिलकर किया और बधाई दी। इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष बंटी विवेक साहू हम फाउंडेशन भारत के प्रदेश संगठन मंत्री सत्येंद्र ठाकुर, जिला अध्यक्ष श्री मुकुल सोनी,  अजय चंदेल, सारांश बरहैया, नीतू अनेजा,अंबिका मर्सकोले,मिथिलेश जैन आदि सभी ने समस्त कलाकारों को और गुरुजनों को शुभकामनाएं दी।

संजय औरंगाबादकर
स्थानीय संपादक
नव चाणक्य केसरी