स्टेट डेस्क/छिंदवाड़ा- राजनीति में चाल चरित्र और चेहरे की भूमिका होती है जिस पर राजनेता के व्यक्तित्व और उसकी सोच का आकलन लगाया जाता है…! कुछ ऐसे ही हेड और टेल की स्थिति छिंदवाड़ा नगर निगम में देखने को मिल रही है। जहां आज कांग्रेस के निर्वाचित महापौर प्रत्याशी विक्रम सिंह अहके ने महापौर पद की शपथ लेकर पदभार ग्रहण किया, तो वही अध्यक्ष के लिए कांग्रेस पार्षद सोनू मांगो 7 वोटों से जीत कर अध्यक्ष पद की कुर्सी पर आसीन हुए हैं। भाजपा से अध्यक्ष के लिए विजय पांडे मैदान में थे जिन्हें 20 मत मिले और सोनू मागों को 27 मत प्राप्त हुए… एक मत निरस्त हुआ है….
यह बात तो हुई शपथ ग्रहण प्रक्रिया की और अध्यक्ष पद के निर्वाचन की… आइए अब बात करते हैं, हमारे शीर्षक पर दर्शाए गए शब्दों की… “चाय बेचने वाले ने ली महापौर पद की शपथ” हम इस पर बात करते हैं दरअसल कांग्रेस के युवा प्रत्याशी विक्रम अहके का जीवन काफी उल्लेखनीय है जिन्होंने अपने शुरुआती दौर में मजदूरी, चाय बेचने से लेकर कैटरिंग के व्यवसाय में मजदूरी का काम किया। इसलिए यह महापौर पूरे देश में चर्चाओं में बना रहा। महापौर की जमीनी हकीकत के बाद नगर की जनता ने उनसे उम्मीदें भी काफी बांधी हुई है कि अब युवा के हाथों में निगम की बागडोर है निश्चित ही कुछ बेहतर होगा। वही विक्रम की जमीनी हकीकत के बाद से जनता में उनकी लोकप्रियता काफी बढ़ गई है। ऐसे में आज उनके द्वारा महापौर पद की शपथ लेकर इस जिम्मेदारी के निर्वहन का जिम्मा लिया गया है, तो वहीं चर्चा यह भी हो रही है कि, अब निगम कुछ हद तक नशे में होगा..!
अतिशयोक्ति वाले इस शब्द पर हम मोहर नहीं लगाते… मगर कांग्रेस के निगम अध्यक्ष सोनू मांगो शराब व्यवसाई हैं। उनकी स्वयं की शासकीय शराब के ठेके में हिस्सेदारी है। जिसको लेकर अब चर्चा हो रही है कि पहले निगम पेट्रोल और डीजल की सेटिंग के लिए बदनाम था, तो अब शराब को लेकर चर्चा आम है…
संजय औरंगाबादकर
स्थानीय संपादक
नव चाणक्य केसरी