कर्मचारियों का पैसा सरकार लगा रही शेयर बाजार में, संयुक्त मोर्चा ने गांधी जी को अर्पित किया ज्ञापन…

पुरानी पेंशन बहाली के साथ-साथ विभिन्न मांगों के लिए गांधी प्रतिमा के समक्ष किया प्रदर्शन…

गांधी जी को अर्पित किया ज्ञापन…
21 सूत्री मांगों का ज्ञापन गांधी जी की प्रतिमा पर अर्पित किया गया।धरना स्थल पर मोहखेड़ की भजन मंडली द्वारा गांधी भजनों की प्रस्तुति के माध्यम से धरना स्थल में रोचक एवं उर्जा बनाए रखने का कार्य किया।

स्टेट डेस्क/छिंदवाड़ा-मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय आह्वान पर आज जिला पंचायत प्रांगण छिंदवाड़ा में गांधी प्रतिमा के समक्ष जिले के समस्त संगठनों के पदाधिकारी, शिक्षक एवं संयुक्त मोर्चा के सदस्यों ने मिलकर गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।

जिलाध्यक्ष सतीश गोंडाने के नेतृत्व में कर्मचारियों की मूलभूत मांग पुरानी पेंशन बहाली, प्रथम नियुक्ति दिनांक से राज्य शिक्षा सेवा में सम्मिलित हुए कर्मचारियों को वरिष्ठता का लाभ, लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को समय मांन वेतनमान, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों और आउट सोर्स एस कर्मचारियों को शासन के अन्य कर्मचारियों की तरह नियमितीकरण का लाभ, व्यक्तियों के नाम परिवर्तित कर कार्यालय सहायक किया जाना, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, राजस्व सहकारिता पंचायत नगरी निकाय, के साथ-साथ अन्य विभागों के कर्मचारियों को उनकी वरिष्ठता एवं वेतनमान के आधार पर पद नाम परिवर्तन करते हुए पदोन्नति का लाभ, क्रमोन्नति एवं समय मान वेतनमान के आदेश तत्काल जारी किए जाने, के साथ-साथ अन्य छोटी-बड़ी मांगो के लिए आज उपवास रखकर गांधी भजन गाते हुए धरना प्रदर्शन किया गया।

मुख्यमंत्री से मांग—-
अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिलाध्यक्ष सतीश गोंडाने ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदेश के 3 लाख 35 हजार से अधिक शिक्षकों कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल की जाकर उन्हें इसका लाभ प्रदान किया जाए। पेंशन बहाली के संबंध में उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2005 के बाद से 335000 से अधिक शिक्षक कर्मचारी, आईएएस आईपीएस आईएफएस एवं सभी राजपत्रित प्रथम श्रेणी द्वितीय श्रेणी के अधिकारी भी शामिल है, नई पेंशन स्कीम में जुड़े हुए हैं और इनकी सैलरी से 10% राशि काटी जाती है और सरकार 14% राशि अपनी तरफ से कर्मचारी का एनपीएस का पैसा शेयर मार्केट में शासन द्वारा लगाया जा रहा है. कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट के ऊपर निर्भर हो गया है. रिटायरमेंट होने पर 60% राशि कर्मचारी को नगद दी जाती है शेष 40% राशि की ब्याज से प्राप्त राशि से, पेंशन के रूप में कर्मचारी को दी जाती है और यह राशि 7000 से ज्यादा नहीं होती. पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय की सैलरी के करीब ,आधी रकम पेंशन के रूप में मिलती थी. जबकि नई पेंशन स्कीम में निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है. पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायर कर्मचारियों को भी हर 6 महीने में मिलने वाले महंगाई भत्ता भी मिलता था. लेकिन नई स्कीम में इसकी व्यवस्था नहीं है. नई पेंशन स्कीम में भी कर्मचारी की मौत पर परिजनों को बहुत ही कम पेंशन मिलती है. लेकिन योजना में जमा पैसा सरकार ले लेती है. नई पेंशन स्कीम से शेयर मार्केट के आधार पर जो पैसा मिलता है उस पर भी टैक्स देना पड़ता है. नई पेंशन स्कीम में 60 फ़ीसदी फड रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को मिल जाता है लेकिन 40 फिसदी भी सरकार निवेश करती है और उसके आधार पर हर महीने की पेंशन मिलती है जो कि काफी कम है. इसलिए इस व्यवस्था को समाप्त कर, पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने की मांग को शीघ्र, पूर्ण किए जाने की मांग की गई है.

नव चाणक्य केसरी
संजय औरंगाबादकर
स्थानीय संपादक