स्टेड डेस्क/छिंदवाड़ा- मध्यप्रदेश में बुलडोजर के नाम से इन दिनों अवैध कारोबारी और अवैध कब्जे वाले घबराए हुए हैं। इसके साथ ही शांति व्यवस्था भंग करने वालों को भी बुलडोजर का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह है कि, ना कोतवाल, ना वकील, ना गवाह, ना जज..! फैसला ऑन द स्पॉट…! यह दृश्य हम देखते आ रहे हैं बीते कुछ सालों से, जिसे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाईलाइट किया था और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, जो कि प्रदेश में मामा के नाम से जाने जाते हैं उन्होंने इसे तगड़े रूप से अमल में लाया… जी हां मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में मामा का बुलडोजर पहुंचा और लोगों को राहत मिली… छिंदवाड़ा में मामा के बुलडोजर से लोग घबराए नहीं बल्कि उन्हें इंसाफ मिला.

दरअसल मामला छिंदवाड़ा के विधानसभा क्षेत्र परासिया का है जहां स्टेशन रोड पर एक लोन के पास स्थित कॉलोनी में पुलिसकर्मी द्वारा खाकी का रौब दिखाकर आम रास्ते को बंद कर दिया गया था. उसने आम रास्ते पर कंक्रीट की दीवार खड़ी करके जगह को इस्तेमाल में ले लिया था. जिसकी शिकायत रज्जू रसेला, मधु रसेला और सुनील रसेला द्वारा परासिया के एसडीएम और कलेक्टर को की गई थी. जिस पर कार्यवाही करते हुए आज प्रशासन ने उक्त कथित रंगदार पुलिसकर्मी के द्वारा किए गए अवैध कब्जे को हटाया. जिसके बाद यहां लोगों ने राहत की सांस ली…
चाणक्य केसरी टीवी संभागीय संपादक अल्ताफ खान की रिपोर्ट
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