शिक्षक हुए गद-गद…! उत्तम ठाकुर को मिला गुरुजनों का आशीर्वाद…

*शिक्षक शिक्षिकाओं का हुआ सम्मान…
*पहली बार एक साथ सम्मानित होने पर शिक्षक-शिक्षिकाओं में हर्ष…

स्टेड डेस्क/अमरवाड़ा- नगर के नगर पालिका समीप बारातघर भवन में 5 सितंबर शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य पर भाजपा के अमरवाड़ा विधानसभा प्रभारी उत्तम सिंह ठाकुर के नेतृत्व पर अमरवाड़ा क्षेत्र सहित ग्रामीण इलाकों के शिक्षक शिक्षिकाओं का एक साथ सम्मान हुआ। इस अवसर पर सर्वप्रथम सर्वपल्ली राधाकृष्णन के छाया चित्र पर माल्यार्पण कर पूजा अर्चना की गई तदुपरांत उत्तम सिंह ठाकुर और एसडीएम दीपक वैद्य ने अपने अपने वक्तव्य रखे। जिसके बाद सर्वप्रथम रिटायर्ड शिक्षक-शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया| जिसके बाद समस्त अमरवाड़ा क्षेत्र और ग्रामीण इलाकों में पदस्थ शिक्षक-शिक्षिकाओं को एक साथ प्रमाण पत्र, साल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर भाजपा विधानसभा प्रभारी अमरवाड़ा से उत्तम सिंह ठाकुर, जिला महामंत्री टीकाराम चंद्रवंशी, बसंत चौबे, शैलेंद्र पटेल, नितिन तिवारी, नवीन जैन, विनोद चंद्रवंशी,समस्त भाजपा कार्यकर्ता सहित प्रशासनिक अधिकारियों में एसडीएम दीपक वैद्य,एसडीओपी डॉक्टर संतोष डेहरिया, टीआई राजेंद्र सिह मर्सकोले, तहसीलदार शंकर लाल मरावी, बीईओ केएल धुर्वे, सीईओ डीआर उईके, बीआरसी विनोद वर्मा मुख्य रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर नगर के जनप्रतिनिधि और पत्रकार मौजूद रहे।

कार्यक्रम की यह रही विशेषता…

शिक्षक सम्मान समारोह में कार्यक्रम के दौरान आयोजक उत्तम सिंह ठाकुर ने समस्त शिक्षक और शिक्षिकाओं को आश्वासन दिया कि आगामी समय में भी 5 सितंबर को एक साथ एक ही मंच पर सभी शिक्षक शिक्षिकाओं का सम्मान किया जावेगा| इस मौके पर उत्तम सिंह ठाकुर ने कहा कि शिक्षक जीवन की एक ऐसी परिभाषा है जिसमें एक नासमझ भोले भाले एक बच्चे को मटका रूपी दिमाग में बूंद बूंद जल रूपी ज्ञान भरते हैं और इन्हीं ज्ञान और शिक्षा को ग्रहण करने के बाद अपनी विशिष्टता दर्शाते हुए छात्र डॉक्टर, वैज्ञानिक और बड़े-बड़े पदों पर पहुंचते हैं और यही हमारा भविष्य होते हैं| इन्हीं से हमारे देश का विकास और गाथा टिकी हुई है और इन सब के पीछे एक शिक्षक का ही हाथ होता है |
इसके बाद एसडीएम दीपक वैद्य ने अपने वक्तव्य में कहा कि हर एक मनुष्य जिसमें कुछ सिखाने का गुण हो वह अपने आप में एक शिक्षक ही होता है और वह किसी पद या नौकरी पर ना रहने के बाद भी यदि वह किसी को कुछ सिखाता है या उससे किसी को सीख मिलती है तो वह भी एक पूर्ण शिक्षक है| वह अपने कर्तव्य का भली-भांति निर्वहन कर रहा है| इसलिए प्रत्येक मनुष्य जिन्हें कुछ दिखाने का हुनर हो वह बेहिचक अपना ज्ञान दूसरों को सत्य और भलाई के लिए दे सकते हैं|
इसी बीच बसंत महाराज ने भी शिक्षक और शिक्षिकाओं द्वारा दिए गए ज्ञान कि जीवन में उपयोगिता और डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवन गाथा सुनाई।

अमरवाड़ा से अमर गिरी की रिपोर्ट